वह भारत देश हमारा है,
सब देशों से न्यारा है।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
जहाँ प्रेम से रहते,
प्रेम, मानवता, भाईचारा,
जहाँ हैं फलते-फूलते।
वह भारत देश हमारा है,
सब देशों से न्यारा है।
जहाँ खेत में रामू काका,
सुबह कलेवा करते,
रात होते ही चुन्नू-मुन्नू,
दादी की लोरी सुनते,
वह भारत देश हमारा है,
सब देशों से न्यारा है।
नेताजी, भगत, आजाद जहाँ,
हर बच्चे द्वारा गाए जाते,
रामायण, गीता, कुरान जहाँ,
घर-घर में पाए जाते,
वह भारत देश हमारा है,
सब देशों से न्यारा है।
जहाँ बड़ों की सेवा करना,
सब अपना धर्म समझते,
जहाँ देश पर मर-मिटना,
लोग अपना भाग्य समझते,
वह भारत देश हमारा है,
सब देशों से न्यारा है।।
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-प्रभाकर पाण्डेय
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सब देशों से न्यारा है।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
जहाँ प्रेम से रहते,
प्रेम, मानवता, भाईचारा,
जहाँ हैं फलते-फूलते।
वह भारत देश हमारा है,
सब देशों से न्यारा है।
जहाँ खेत में रामू काका,
सुबह कलेवा करते,
रात होते ही चुन्नू-मुन्नू,
दादी की लोरी सुनते,
वह भारत देश हमारा है,
सब देशों से न्यारा है।
नेताजी, भगत, आजाद जहाँ,
हर बच्चे द्वारा गाए जाते,
रामायण, गीता, कुरान जहाँ,
घर-घर में पाए जाते,
वह भारत देश हमारा है,
सब देशों से न्यारा है।
जहाँ बड़ों की सेवा करना,
सब अपना धर्म समझते,
जहाँ देश पर मर-मिटना,
लोग अपना भाग्य समझते,
वह भारत देश हमारा है,
सब देशों से न्यारा है।।
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-प्रभाकर पाण्डेय
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चित्र- साभार- http://www।rrindia.com/
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4 comments:
बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने. ऐसे भारत को हमारा नमन.
इतने अच्छे ब्लाग पर कमेन्ट मोडरेशन अच्छा नहीं लगता.
बेहतरीन तराना . जय हिन्द !
kaash! phir aisaa ho paaye
कमाल का ब्लाग।
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