Custom Search

Sunday, December 7, 2008

ठ से ठठेरा, ठग से ठग





कहता है प्यारे बच्चों,
हमें कुछ कर दिखाना है,
भेदभाव, घृणा को भगाकर,
प्रेम, भाईचारा बढ़ाना है,
करके अच्छे-अच्छे काम,
देश में सुख-समृद्धि लाना है,
सबसे प्यारा, देश हमारा,
संदेश, घर-घर में पहुँचाना है।









१.
से ठठेरा, हमें पढ़ना है,
काम यह अभी करना है,
आओ ठठेरे से मिलाऊँ,
उसके बारे में बताऊँ,
ठठेरा बरतन है बनाता,
मेहनत की रोती है खाता,
गाँव-शहर में घूम-घूमकर,
अपना काम वह करते जाता,
सबको बाबू, भइया कहता,
सादगी से है वह रहता,
मन लगाकर करे अपना काम,
काम के बदले पाए उचित दाम,
उससे सीख तुम भी ले लो भाई,
ईमानदार बनो, ठग नहीं, मेरे भाई।।
______________________
______________________


२.
ठग वह इंसान कहलाए,
जो सबको ठगता जाए,
अपना उल्लू सीधा करे,
और दूसरों को उल्लू बनाए,
अगर कभी पकड़ में आ जाए,
उसकी नानी याद आ जाए,
सबलोग उसकी करें बुराई,
ठगना अच्छा काम नहीं भाई।।
______________________
______________________
प्रभाकर पाण्डेय
__________

2 comments:

समयचक्र said...

bahut sundar prerak rachana . badhai.

Mishra Deepak said...

bahute badiya bhai....

"THH se THHag"

 
www.blogvani.com चिट्ठाजगत