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Saturday, June 7, 2008

छ -- छाता






कहता है छमछम-छमछम,
देखो नाच रहा है भालू,
बंदर डमरू डमका रहा है,
मेढक भी डोल बजा रहा है,
गा रहा है गदहा गाना,
हेंको-हेंको, ता-ना-ना-ना।
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से छाता, से छड़ी,
छाते में होती कई कड़ी,
गोल-गोल होता है छाता,
धूप,बारिश से हमें बचाता,
हर व्यक्ति को है यह भाता,
ले लो मुन्नू तुम भी छाता।
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-प्रभाकर पाण्डेय
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