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Sunday, September 13, 2009

र से रस्सी...र से रथ...










कहता है, प्यारे बच्चों,
क्रिया-विशेषण क्या है बताऊँगा,
पर क्रिया-विशेषण बताने से पहले,
मैं तुमको 'क्रिया' समझाऊँगा।
'क्रिया' शब्द का है वह रूप,
जो कर्म होने को बताता है,
सीधे और साफ तौर पर,
काम का 'करना' 'होना' आता है।
खाना, पीना, रोना, सोना,
ये सब तो क्रियाएँ हैं,
धीरे-धीरे व तेजी से,
ये इनकी विशेषताएँ हैं।
क्रिया की विशेषता बतानेवाले,
क्रिया-विशेषण कहलाते हैं,
ये क्रिया के होने आदि का,
प्रकार आदि बताते हैं।
जैसे लगातार रोने में,
क्रिया-विशेषण है लगातार,
शब्दों को जानो और पहचानों,
इनकी लीला है अपरम्पार।।
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से रस्सी, बड़े काम की,
मोटी-पतली, कई प्रकार की,
बटकर ये बनाई जाती,
तृण-तृण से सजाई जाती,
बड़ा भी इसको तोड़ न पाए,
एकता की ये पाठ पढ़ाए।।
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से रथ, वाहन है होता,
घोड़ों से यह खींचा जाता,
सारथी रथ को है हाँकता,
रथ पर बहुत मजा है आता।।
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___________प्रभाकर पाण्डेय_______________


1 comment:

अफ़लातून said...

लीला अपरम्पार है,बन्दे का बेड़ा पार है ।
हार्दिक बधाई ।

 
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