Custom Search

Monday, June 29, 2009

ध से धनुष.........ध से धर्म









कहता है धमधूसर लाल,
मेरे पास आओ तुम,
गुड्डी व गुड़िया को भी,
मेरे पास लाओ तुम,
मेरे पास हैं कुछ खिलौने,
वे लेकर जाओ तुम,
खेलो और खेलाओ सबको,
सबका मन बहलाओ तुम।

_______________________
__________________________








से धनुष से धर्म,
धर्म यानि सच्चा कर्म,
सदा सत्य को अपनाना,
छल, कपट को दूर भगाना,
सबके सेवा का लिए व्रत,
कर्तव्य मार्ग पर बढ़ जाना।
कभी ना करना बुरा कर्म,
सदा करना तुम सत्कर्म,
सभी धर्मों का है यह मर्म,
सबसे बड़ा है मानव धर्म।
_________________
-प्रभाकर पाण्डेय
____________________
_________________

2 comments:

समयचक्र said...

Bahut hi prwrak rachana . abhaar.

ओम आर्य said...

ek bahut sundar post ...............jisame lay taal sab hai our sundar pics bhi lage huye hai .......bahut badhiya

 
www.blogvani.com चिट्ठाजगत