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Wednesday, February 6, 2008

तारे







प्यारे तारे कहाँ गए थे,
दिन में नहीं दिए दिखाई,
पढ़ने गया था मैं स्कूल,
तुम भी पढ़ो मेरे भाई।
खूब पढ़ो तुम खूब पढ़ो,
देश का नाम रोशन करो,
अंधेरे में राह दिखाओ,
सबका जीवन हो सुखदाई।


-प्रभाकर पाण्डेय

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