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Friday, January 4, 2008

बिल में घुस जाते हो








चूहा बोला, बिल्ली रानी,

क्यों इतना तड़पाती हो,
बिना हमारी बात सुने,
हम सबको खा जाती हो।
बिल्ली बोली, चूहे राजा,
क्यों इतना तड़पाते हो,
बिना हमारी बात सुने,
क्यों बिल में घुस जाते हो।
-प्रभाकर पाण्डेय

3 comments:

सुनीता शानू said...

आप बच्चो के लिये भी लिखते है बहुत अच्छा लगा जानकर...

Kumar Padmanabh said...

प्रभाकर भाई,

आपने मुझे सराहा मुझे अच्छा लगा. और मैं आपके एक बात से सहमत नही हूँ, मै विद्वान नही हूँ. लेकिन एक आम भारतीय का दिल मेरे अन्दर धड़कता है और मुझे कुछ सच बोलने का हिम्मत दे जाता है. बस इतना ही समझ लीजिए.
आपको जानकर खुशी होगा कि मै आपका पड़ोसी हूँ. गोरखपूर मे रहता हूँ.

Kumar Padmanabh said...

प्रभाकर भाई,

आपने मुझे सराहा मुझे अच्छा लगा. और मैं आपके एक बात से सहमत नही हूँ, मै विद्वान नही हूँ. लेकिन एक आम भारतीय का दिल मेरे अन्दर धड़कता है और मुझे कुछ सच बोलने का हिम्मत दे जाता है. बस इतना ही समझ लीजिए.
आपको जानकर खुशी होगा कि मै आपका पड़ोसी हूँ. गोरखपूर मे रहता हूँ.

 
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