ख कहता है, समय पर खाओ,
हँसते-गाते स्कूल तुम जाओ,
मन लगाकर करो पढ़ाई,
जीवन होगा सदा सुखदाई।
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ख कहता है, मेरे पहले,
जानते क क्यों आता है,
ख खाना खाने से पहले,
क काम की बात बताता है,
कर्मशील बनो, आलस्य को त्यागो,
कर्त्तव्य-मार्ग पर बढ़ जाओ,
करके अच्छे-अच्छे काम,
सबके प्यारे बन जाओ।
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हँसते-गाते स्कूल तुम जाओ,
मन लगाकर करो पढ़ाई,
जीवन होगा सदा सुखदाई।
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ख कहता है, मेरे पहले,
जानते क क्यों आता है,
ख खाना खाने से पहले,
क काम की बात बताता है,
कर्मशील बनो, आलस्य को त्यागो,
कर्त्तव्य-मार्ग पर बढ़ जाओ,
करके अच्छे-अच्छे काम,
सबके प्यारे बन जाओ।
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ख से होता है खरगोश,
छोटा-छोटा, प्यारा-प्यारा,
हरी-हरी घासों को खाता,
हरी घास पर मौज मनाता,
अंग्रेजी में रैबिट कहलाता,
बच्चों का वह मन बहलाता।
-प्रभाकर पाण्डेय
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छोटा-छोटा, प्यारा-प्यारा,
हरी-हरी घासों को खाता,
हरी घास पर मौज मनाता,
अंग्रेजी में रैबिट कहलाता,
बच्चों का वह मन बहलाता।
-प्रभाकर पाण्डेय
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6 comments:
sundar,pyara sa...
बच्चों के लिए इतनी सुंदर रचनाएँ !
इतना मनमोहक ब्लॉग !!
वाह, क्या बात है !
बधाई.
apki ek pratiukti meri kavita ke lie mili to socha apke bare me janu, apka blog dekh kar dil behad khush hua, apka kia gaya pryas nayab hai...very good
waah...kitni sundar kavitaayen hain. mera to bachpan maano laut aaya.
bahot sidhi, sachhi, sundar rachna
bahot sudhi , sachhi aur sundar rachna
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