ऋ कहता है, नेक बनो,
परहित में लग जाओ,
मानव की तुम सेवा करके,
सच्चा सुख, आनंद पाओ।
परहित में लग जाओ,
मानव की तुम सेवा करके,
सच्चा सुख, आनंद पाओ।
ऋषि वह इंसान कहलाए,
जप-तप में जो समय बिताए,
अहिंसा और प्रेम फैलाए,
बड़ी इज्जत से देखा जाए।
-प्रभाकर पाण्डेय
जप-तप में जो समय बिताए,
अहिंसा और प्रेम फैलाए,
बड़ी इज्जत से देखा जाए।
-प्रभाकर पाण्डेय
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