क कहता है, काम करो तुम,
मत घुमो, खूब पढ़ो तुम,
पढ़ना-लिखना है सुखदाई,
इसी से मिलती सभी बढ़ाई।
मत घुमो, खूब पढ़ो तुम,
पढ़ना-लिखना है सुखदाई,
इसी से मिलती सभी बढ़ाई।
क से कमल का फूल,
जो है हमारा राष्ट्रीय फूल,
यह जल में खिलता है,
कितना अच्छा लगता है।
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क, का, कि, की,
चल दूध पी,
कु, कू, के, कौ,
बोल भारत की जै,
को, कौ, कं, कः,
घर में हिलमिलकर रह।
-प्रभाकर पाण्डेय
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जो है हमारा राष्ट्रीय फूल,
यह जल में खिलता है,
कितना अच्छा लगता है।
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क, का, कि, की,
चल दूध पी,
कु, कू, के, कौ,
बोल भारत की जै,
को, कौ, कं, कः,
घर में हिलमिलकर रह।
-प्रभाकर पाण्डेय
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1 comment:
होली की ढेर सारी शुभकामनाएँ
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