प कहता है, प्यारेलाल,
मेरे पास आओ तुम,
गुड्डी और मुन्नी को भी,
मेरे पास लाओ तुम,
मेरे पास हैं, कुछ खिलौने,
उन्हें लेकर जाओ तुम,
खेलो और खेलाओ सबको,
सबका मन बहलाओ तुम।।
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प से पतंग, चलो उड़ाएँ,
हवा से इसकी बात कराएँ,
एक दूसरे से ऊपर ले जाएँ,
हँसी-खुशी हम मन बहलाएँ।।
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सर सर सर सर उड़ी पतंग,
हवा से बातें करती पतंग,
बड़ी पूँछ और हरी पतंग,
वह देखो वह मेरी पतंग।
मुन्नू और चुन्नू भी लाए,
बड़ी नीली और पीली पतंग,
आओ मिलजुलकर उड़ाएँ,
पीली, नीली, हरी पतंग।।
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प्रभाकर पाण्डेय
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हवा से बातें करती पतंग,
बड़ी पूँछ और हरी पतंग,
वह देखो वह मेरी पतंग।
मुन्नू और चुन्नू भी लाए,
बड़ी नीली और पीली पतंग,
आओ मिलजुलकर उड़ाएँ,
पीली, नीली, हरी पतंग।।
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प्रभाकर पाण्डेय
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1 comment:
बड़ा प्यारा बाल गीत है बहुत ही उम्दा रचना.
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