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Monday, March 10, 2008

अं --- अंगूर











अं कहता है, शिवा जैसा,
वीर बनो तुम वीर बनो,
प्रताप जैसा महापराक्रमी,
उनके जैसा ही धीर बनो,
गाँधी जैसा सत्य पुजारी,
भगत जैसा राष्ट्र पुजारी,
भारत माँ के सच्चे रक्षक,
तुम बनो हाँ तुम बनो।









अंगूर खा रहा है बंदर,
बंदरिया को भी खिला रहा,
पीले-हरे अंगूर की महत्ता,
बंदरिया को बता रहा,
मीठे अंगूर खुद है खाता,
खट्टे बंदरिया को खिलाता,
बंदरिया जब आँख दिखाती,
खट्टे अंगूर को फेंकने जाती,
बंदर उसको लगे मनाने,
मीठा उसको लगे खिलाने,
मीठा खाकर वह खुश हो जाती,
तब बंदर को गले लगाती।

-प्रभाकर पाण्डेय

2 comments:

समयचक्र said...

pratap jaisa mahaparakrami,
unake jaisa hi dhir bano,
gandhi jaisa saty pujari,
bhagat jaisa rashtr pujari,


bahut sundar abhaar

डॉ .अनुराग said...

bhai vah....adbhut

 
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