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Saturday, December 29, 2007

रिमझिम रिमझिम बरसे पानी








रिमझिम रिमझिम बरसे पानी,

झमझम झमझम बरसे पानी,
छाता लेकर दौड़ो रानी,
भीग रही है तेरी नानी।
नानी को भीग जाने दो,
बारिश तो खुल जाने दो,
फिर मैं छाता लेकर जाऊँगी,
भीगी नानी को लेकर आऊँगी।
-प्रभाकर पाण्डेय

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